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वैसे तो दुनिया
में बहुत सारी बीमारियाँ है, जिसमें बहुतों का इलाज सम्भव है, लेकिन, आज भी कुछ ऐसी
बीमारियाँ है जिसका न तो कोई टीका उपलब्ध है और न ही कोई उपचार है | इससे बचाव ही सबसे
अच्छा उपाय है | इसी में एक नाम आता है | जीका वायरस से होने वाले बुखार का, जो
डेंगू से होने वाले बुखार के जैसा ही है, लेकिन, इसका प्रभाव इतना घातक है की इससे
पीड़ित होने वाले लोगों कि संख्या लाखों में है | यह ब्राजील, दक्षिणी
अमेरिका और भारत जैसे कई देशों में अपना प्रभाव छोड़ चुका हैं और दिन-प्रतिदिन इसका
प्रभाव और बढ़ता जा रहा है तो समय रहते ही हमें यह जान लेना होगा की इससे कैसे बचा
जा सकता है क्योंकि की आज भी ऐसे बहुत से लोग है जो यह नहीं जानते है कि जीका
वायरस क्या है | इससे बचने का क्या उपाय है और इसे कैसे पहचाना जा सकता है |
तो
चलिए दोस्तों, आज हम इस आर्टिकल में इसी के बारे में बता रहे है :-
जीका वायरस
क्या है ?

जीका वायरस
एक प्रकार का एडीज मच्छर है जो डेंगू की तरह ही मच्छरों के काटने से फैलता है | इस मच्छर की
खास बात यह है की यह दिन में सक्रिय रहते है जबकि दुसरे मच्छर आमतौर पर रात में
सक्रिय होते है | जब यह मच्छर किसी ऐसे व्यक्ति को काटता है जो पहले से संक्रमित
है और उसके खून में वायरस मौजूद है और फिर वह यदि दुसरे व्यक्ति को काट लेता है तो
उसके शरीर में जीका वायरस जा सकता है |
जीका वायरस
का नाम अफ्रीका के जीका जंगल पर पड़ा | जब वहाँ अफ़्रीकी अनुसंधान संस्थान के
वैज्ञानिक एक बुखार पर रिसर्च कर रहे थे तो उसी दौरान यह वायरस एक लंगूर में मिला
जिसका नाम उन्होंने जीका रखा | बाद में यह वायरस नाइजीरिया के एक व्यक्ति में मिला
और अब यह लगभग पूरी दुनिया में फ़ैल चुका है | भारत में इसके कई मामले सामने आ चुके
है |
डेंगू क्या है , डेंगू होने का कारण ,लक्षण, बचाव और उपाय
डेंगू क्या है , डेंगू होने का कारण ,लक्षण, बचाव और उपाय
जीका वायरस
के लक्षण
जीका वायरस जब किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो उसके शरीर में बुखार हो जाती है , सिर में दर्द होने लगता है , आँखे लाल हो जाती है , हमेसा थकान महसूस होती है , शरीर पर लाल-लाल चकत्ते दिखने लगते है आदि |
जीका वायरस जब किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो उसके शरीर में बुखार हो जाती है , सिर में दर्द होने लगता है , आँखे लाल हो जाती है , हमेसा थकान महसूस होती है , शरीर पर लाल-लाल चकत्ते दिखने लगते है आदि |
जीका वायरस से बचाव का उपाय
जीका वायरस से बचने के लिए अपने आस-पास साफ-सफाई रखना चाहिए | सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए | अपने आस-पास पानी को ठहरने नहीं देना चाहिए क्योकि उसमे मच्छर के प्रजनन होने का खतरा रहता है | समय-समय पर नाली में किरोसिन तेल का छिडकाव करते रहना चाहिए | यदि आप अपने शरीर में खून चढ़वा रहे है तो उसकी जाँच करके ही चढ़वाना चाहिए |
डेंगू क्या है , डेंगू होने का कारण ,लक्षण, बचाव और उपाय
जीका वायरस से बचने के लिए अपने आस-पास साफ-सफाई रखना चाहिए | सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए | अपने आस-पास पानी को ठहरने नहीं देना चाहिए क्योकि उसमे मच्छर के प्रजनन होने का खतरा रहता है | समय-समय पर नाली में किरोसिन तेल का छिडकाव करते रहना चाहिए | यदि आप अपने शरीर में खून चढ़वा रहे है तो उसकी जाँच करके ही चढ़वाना चाहिए |
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जीका वायरस से होने वाले रोग
जीका वायरस से शरीर में बुखार हो सकता है यदि यह किसी गर्भवती महिला को हो जाय तो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बुखार हो सकता है , सिर का विकास रुक सकता है और वर्टिकली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन भी फ़ैल सकता है जिससे बच्चे में दिमाग से जुडी बीमारियाँ , लिवर से जुडी बीमारियाँ, अंधापन आदि हो सकता है |
जीका वायरस से शरीर में बुखार हो सकता है यदि यह किसी गर्भवती महिला को हो जाय तो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बुखार हो सकता है , सिर का विकास रुक सकता है और वर्टिकली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन भी फ़ैल सकता है जिससे बच्चे में दिमाग से जुडी बीमारियाँ , लिवर से जुडी बीमारियाँ, अंधापन आदि हो सकता है |

जीका वायरस
का इलाज
वैसे तो इसका अभी कोई इलाज नहीं है लेकिन, इससे पीड़ित लोगों को दर्द में आराम के लिए पैरासिटामोल दिया जाता है |
भारत में जीका वायरस का प्रभाव
भारत में जीका वायरस का प्रभाव राजस्थान के जयपुर, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में देखा जा चुका है |
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वैसे तो इसका अभी कोई इलाज नहीं है लेकिन, इससे पीड़ित लोगों को दर्द में आराम के लिए पैरासिटामोल दिया जाता है |
भारत में जीका वायरस का प्रभाव
भारत में जीका वायरस का प्रभाव राजस्थान के जयपुर, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में देखा जा चुका है |
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